Friday, October 13, 2023

रेत पर नाम लिखने

रेत पर नाम लिखने से क्या फायदा
एक आई लहर कुछ बचेगा नहीं
तुमने पत्थर का दिल हमको कह तो दिया
पत्थरों पर लिखोगे, मिटेगा नहीं

मैं तो पतझर था फिर क्यों निमंत्रण दिया
ऋतु बसंती को तन पर लपेटे हुए
आस मन में लिए, प्यास तन में लिए
कब शरद आई पल्लू समेटे हुए
तुमने फेरी निगाहें, अँधेरा हुआ
ऐसा लगता है सूरज उगेगा नहीं
रेत पर ........

मैं तो होली मना लूँगा सच मान लो
तुम दिवाली बनोगी ये आभास दो
मैं तुम्हें सौंप दूँगा तुम्हारी धरा
तुम मुझे मेरे पंखों का आकाश दो
उँगलियों पर दुपट्टा लपेटो न तुम
यूँ करोगी तो दिल चुप रहेगा नहीं
रेत पर ........

आँख खोलीं, तो तुम रुक्मणी-सी दिखीं
बंद की आँख तो राधिका तुम लगीं
जब भी देखा तुम्हें शान्त-एकान्त में
मीरबाई-सी एक साधिका तुम लगीं
कृष्ण की बाँसुरी पर भरोसा रखो
मन कहीं भी रहे पर डिगेगा नहीं
रेत पर ........           

-विष्णु सक्सेना

4 comments:

Madhu Jhunjhunwala (Rungta) said...

प्रेम की गहनता को दर्शाता बहुत सुंदर गीत।

Anonymous said...

प्रेम की गहनता को दर्शाता बहुत सुंदर गीत।

Anonymous said...

विष्णु सक्सेना का गीत "रेत पर नाम लिखने का क्या फायदा..." पढ़कर बहुत अच्छा लगा ।आपलोग पढ़ने के बाद यूट्यूब पर सुने आनंद विभोर होजाएँगे। प्रेम गीत गाकर सुनाने वाले सुप्रसिद्ध कवि की रचनाएँ बहुत सुंदर हैं ।
-डा० सुभाष शर्मा,आस्ट्रेलिया

किरन सिंह said...

वाह बहुत सुंदर रेत पर नाम लिखने से क्या फ़ायदा एक आई लहर कुछ बचेगा नहीं 👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👌👌