Sunday, July 22, 2018

उस क्षण मेरा प्यार जगाना

उस क्षण मेरा प्यार जगाना
जब पलकों के परदे पर 
इस दुनिया का होता हो चित्रण
जब वह दुनिया भी बैठी हो
बनी पुतलियों में आकर्षण
तब नवीन संसार जगाना
उस क्षण मेरा...

हृदय भेजता हो जब धड़कन
कहीं छिपाने को सूनापन
जब विश्वास छीनकर कोई-
कर जाता हो उसको निर्धन
तब असीम अभिसार जगाना
उस क्षण मेरा...

जब हो केवल एकाकीपन
कहीं न कुछ भी छू पाये मन
जब मन भी खो बैठे बरबस
अपनी स्मृति-विस्मृति के बंधन
तब सूना विस्तार जगाना
उस क्षण मेरा...

जब हो अन्तर्भूत चिरन्तन
में अभाव का झंझा नर्तन
जब मेरी ही दृष्टि प्रलय-सी
घिर आये मुझ पर बादल बन
तब रस-विकल मल्हार जगाना
उस क्षण मेरा...

जब निर्झरिणी-सी यह आशा
पुलकित करे हृदय-तट आ-आ
जब अशेष सिकता-कण चुम्बन-
सी हो जीवन की अभिलाषा
तब वह हा-हाकार जगाना
उस क्षण मेरा प्यार जगाना
 
-रमाशंकर शुक्ल हृदय

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