Monday, September 25, 2023

स्वप्न की झील में तैरता

डॅा. धनंजय सिंह लोकप्रिय गीतकार हैं, उनके गीतों में एक विशेष तरह का सम्मोहन रहता है... उनके इस गीत को पढ़ें और प्रतिक्रिया भी लिखें... 
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स्वप्न की झील में तैरता
मन का यह सुकोमल कमल

चंद्रिका-स्नात मधु रात में
हो हमारा-तुम्हारा मिलन
दूर जैसे क्षितिज के परे
झुक रहा हो धरा पर गगन
घास के मखमली वक्ष पर
मोतियों की लड़ी हो तरल
स्वप्न की झील में तैरता...

प्यार का फूल तो खिल गया
तुम इसे रूप, रस, गंध दो
शब्द तो मिल गये गीत को
तुम इसे ताल, लय, छंद दो
मंद-मादक स्वरों में सजी
बाँसुरी की धुनें हों सरल
स्वप्न की झील में तैरता...

मौन इतना मुखर हो उठे
जो हृदय-पुस्तिका खोल दे
और जब एकरसता बढ़े
भावना ही स्वयं बोल दे
इस तरह मन बहलता रहे
सर्जनाएँ सदा हों सफल
स्वप्न की झील में तैरता...

पास भी दूर भी हम रहें
ज़िंदगी किंतु हँसती रहे
मान-मनुहार की प्यार की
याद प्राणों को कसती रहे
इस तरह चिर पिपासा मिटे
और छलकता रहे स्नेह-जल
स्वप्न की झील में तैरता...

-धनञ्जय सिंह

9 comments:

डॉ विनीता कृष्णा said...

काव्य सरोवर में तैरता सुंदर शब्द गंध सुवासित गीत कमल ।वाह।

आभा खरे said...

'मंद-मादक स्वरों में सजी, बांसुरी की धुनें हों सरल'
अप्रतिम गीत। लय और प्रवाह में प्रेम के माधुर्य में डूबती उतराती अभिव्यक्ति।

Pragati said...

आज के समय की ज़मीन पर पाँव मज़बूती से गड़ाए हुए प्रेम की हिलोरों पर डोलता सुंदर गीत।
- प्रगति टिपणीस

Anonymous said...

प्रेम के अधखिले कमल की सुवास में रची बसी कविता ! हृदय के तारों को झंकृत कर देने वाली पंक्तियां! अद्भुत!
रेखा शर्मा

Sonam yadav said...

स्वप्न की झील में तैरता
बहुत ही प्यारा गीत
धनंजय सर को भी सामने से सुनने का अवसर बहुत बार मिला ।

बहुत बहुत आभार

Sonam yadav said...

प्रेम की कोमल भावनाओं को व्यक्त करता सुंदर गीत
धनंजय सर को बहुत बार सामने से सुनने का अवसर मिला
आज पढ़कर भी और अच्छा लगा।
आभार आपका सुंदर गीतों की एक शानदार श्रृंखला से परिचित कराने के लिए।

सोनम यादव

Poonam Mishra said...

उपमा अलंकार का उपयोग कर बहुत सुंदर प्रेम गीत जहां अपने प्रेम को ताल सुर से सजा दो बड़ा ही नजाकत सा लगे । पूरे गीत में सिहरन है जिसे पढ़ने का मन बार बार होता है ।

नीलम कुलश्रेष्ठ said...

आज पहली बार श्री धनंजय सिंह जी का गीत पढ़ा। बहुत सुंदर शृंगार गीत हुआ। इस
ब्लॉग के सभी प्रसिद्ध गीतकारों के गीतों ने सुंदर सा गीत गुलदस्ता बना दिया। हार्दिक बधाई। 💐

Anonymous said...

बहुत सुंदर गीत है। शब्दों का माधुर्य मनोरम है। बार बार पढ़ने का मन होता है। हृदय से उपजी कोमल भावनाओं का कोमल गीत।