जिन्दगी के मोड़ पर यह
प्यार का नाता हमारा
राह की वीरानियों को
मिल गया आखिर सहारा
प्यार का नाता...
ज्योत्सना-सी स्निग्ध सुन्दर
तुम गगन की तारिका-सी
पुष्पिकाओं से सजी
मधुमास की अभिसारिका-सी
रूप की साकार छवि-
माधुर्य की स्वच्छन्द धारा
प्यार का नाता...
मैं तुम्हीं को खोजता हूँ
चाँद की परछाइयों में
बाट तकता हूँ तुम्हारी
रात की तनहाइयों में
आज मेरी कामनाओं
ने तुम्हें कितना पुकारा
प्यार का नाता...
दूर हो तुम किन्तु फिर भी
दीपिका हो ज्योति मेरी
प्रेरणा हो शक्ति हो तुम!
प्रीति की अनुभूति मेरी
गुनगुना लो प्यार से-
यह गीत मेरा है तुम्हारा
प्यार का नाता...
-विनोद तिवारी
13 comments:
सुंदर भावभीनी अभिव्यक्ति।
अद्भुत शब्द-संयोजन और भावों का प्रवाह लिए सुंदर गीत।
आदरणीया रंजना जी ने बहुत ही सरलता और गहनता से इस गीत को मन छूने वाले शब्दों में अभिव्यक्त किया है। बहुत बहुत बधाई।
बहुत सुंदर प्रेम गीत । विनोद जी हार्दिक बधाई । रेणु चन्द्रा
वाह विनोद तिवारी जी का बहुत ही सुंदर नवगीत “प्यार का रिश्ता हमारा “ एक एक शब्द भाव विभोर करने वाला है ।
किरन सिंह
“गुनगुना लो प्यार से/ यह गीत मेरा है तुम्हारा”- वाह! सुंदर गीत के लिए बधाई।
बहुत सुंदर गीत! विनोद तिवारी जी को बधाई।
-सुनीता यादव
बहुत सुंदर गीत! विनोद तिवारी जी को बधाई।
-सुनीता यादव
बहुत बहुत शानदार गीत है
बहुत ही सुन्दर और प्यारा गीत
बहुत बहुत शुभकामनाएं
प्यारा प्रेम गीत
मन को छूने वाला।☺️
मन को छूने वाला।☺️
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